चंडीगढ़ कैपिटल ऑफ़ पंजाब एक्ट 1952 के तहत जुर्माना राशि में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को खारिज करें केंद्र सरकार- कैलाश चंद जैन

Chandigarh Capital of Punjab Act 1952

Chandigarh Capital of Punjab Act 1952

चंडीगढ़ 22 अक्टूबर 2024: Chandigarh Capital of Punjab Act 1952: उद्योग व्यापार मंडल चंडीगढ (UVM)  के अध्यक्ष कैलाश चंद् जैन व महासचिव नरेश कुमार ने कैपिटल ऑफ पंजाब (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) एक्ट 1952 की धारा 13, 14,  15 के तहत अलॉटमेंट की धाराओं की उलंघन्न अथवा  बिल्डिंग वायलेशन व मिसयूज पेनल्टी में बेहतशा बढ़ोतरी को गैर जरूरी बताया है तथा केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिख इस संबंध में चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को मंजूर न करने  तथा पुनर्विचार हेतु प्रशासन को वापस भेजने का अनुरोध किया है।

 आज यहां जारी एक बयान में यूवीएम अध्यक्ष कैलाश चंद जैन ने बताया है कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह को पत्र लिखा है जिसमे उन्होंने बताया है कि केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने अपने चंडीगढ़ द्वारा के दौरान कहा है कि शहर में  बड़े पैमाने में भवन निर्माण उल्लंघन और संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए गृह मंत्रालय पंजाब की राजधानी (विकास और विनिमय) अधिनियम 1952 Capital of Punjab (Development & Regulations)Act 1952   में संशोधन के लिए चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा भेजे गए  प्रस्ताव को गृह मंत्रालय  संसद में  संशोधन के लिए जल्द कार्यवाही करेगा।

 इस संबंध में कैलाश जैन का  कहना है कि उनकी जानकारी के अनुसार प्रशासन द्वारा भेजे गए प्रस्ताव में एक्ट की धारा 13, 14 व 15 के तहत अलॉटमेंट की शर्तों व नियमों में की उलंघना की जुर्माना राशि पांच सो रुपए से बढाकर एक लाख रुपए किया जाना है तत्पश्चात अपराध साबित होने पर उल्लंघन के प्रत्येक दिन की जुर्माना राशि बीस रुपए  प्रतिदिन से बढ़ाकर चार हजार रुपए प्रतिदिन करने का प्रस्ताव है, मतलब बीस हजार प्रतिशत की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया है जो किसी भी हालत में तर्कसंगत  नहीं है। इसलिए उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री से अपील की है कि प्रशासन द्वारा भेजे गए बीस हजार प्रतिशत की बढ़ोतरी वाले ऐसे प्रस्ताव पर संज्ञान न लिया जाए व इसे खारिज किया जाए। इसे संसद में ले जाने की बजाय चंडीगढ़ प्रशासन को वापस भेजा जाए तथा प्रशासन को यह है निर्देश भी दिए जाए कि प्रशासन स्टेकहोल्डर के साथ बैठक करके तर्क संगत बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजें।
 इस संबंध में यूवीएम महासचिव नरेश कुमार का कहना है कि जब प्रशासन ने बिल्डिंग वायलेशन तथा मिसयूज के लिए  अपने चंडीगढ़ स्टेट रूल्स बनाए हैं तो एक्ट में बदलाव करने का कोई औचित्य नहीं है एक्ट में जो प्रावधान पहले से दिए गए हैं वही रहने चाहिए किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं होनी चाहिए।